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करोना की रफ्तार क्यों तेज है?

दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़ें हैं और लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले भी बढ़ रहें हैं। अस्पतालों में जगह नही है। गुजरात के साथ अन्य राज्यों में अधिक तबाही मचा रहा है जो हमें ये बताता है कि पहली लहर से काफी घातक है। करोना के ज्यादा मामलों में अभी न के बराबर या काफी हल्के लक्षण हैं मगर ये वायरस रुप बदलता है इसलिए आगे कुछ भी कहा नही जा सकता।

कुछ राज्यों में जहां मरीजों की संख्या प्रतिदिन 30 थी अब वहां 300 से 3000 के स्तर को छू रही है। इस संक्रमण से डॉक्टर भी परेशान हैं क्योंकि यह वेरिएंट श्वसन तंत्र पर तेजी से कब्जा करता है। सरदर्द भी होने लगा है जो पहले में नही होता था। डॉक्टर भट्टाचार्य के अनुसार मरीजों को कानों में अलग प्रकार की आवाज सुनाई देती है और दर्द भी होता है। यह समस्या 2 सेे 4 लोगों में नही उससे कहीं अधिक लोगों में यह असर देखने को मिल रहा है। याददाश्त की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं और मतिभ्रम जैसी अवस्था मरीजों की हो जाती है। मामूली से मामूली बात लोग भूलने लगे हैं। मरीजों में यह समस्या स्थाई या अस्थाई है इस पर शोध अभी जारी है। करोना के मरीजों में इसका असर तंत्रिका तंत्र से है।

इस वायरस का असर मुंह के अंदर भी देखा जा रहा है मुंह या होंठ सूख जाते हैं या मुंह में घाव या जीभ में जलन या असहजता महसूस होती है या जीभ के रंग में बदलाव हो जाता है।

लोग सामान्य फ्लू को नजर अंदाज कर देते हैं और यही आगे चलकर करोना की गंभीर बीमारी बनकर सामने आती है। चिकित्सकों के अनुसार पहले कुछ गिने चुने लक्षण सर्दी खांसी बुखार बदन दर्द से मरीज स्वयं पहचान पा रहे थे कि उन्हें करोना की संभावनाएं लग रही हैं लेकीन आज की तारीख में लक्षणों के आधार पर तय कर पाना कि करोना है या नही बहुत मुश्किल हो चुका है। जहां पहले करोना के पोस्ट लक्षणों में यह देखा जा रहा था कि मानसिक रूप से मरीज खुद को अस्वस्थ महसूस करते थे वहीं अब करोना वायरस शारीरिक और मानसिक दोनों रुप से मरीज को कमजोर कर रहा है।

स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार देश के 18 राज्यों में करोना के नये स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। 16 अप्रैल तक 2,17, 353केस दर्ज किये गये। यह वायरस एक में संक्रमित होने के बाद वह कई लोगों को चपेट में ले रहा है। पहले बिना लक्षण वाले मामले आते थे पर अब लक्षण वाले मरीज ज्यादा देखे जा रहे हैं। अब बिना लक्षण वाले मामले कम हो गये हैं यह एक बडी समस्या है। पहले मरीज को कोविड केयर सेंटर भेज दिया जाता था पर अब उन्हें भेजना खतरनाक हो सकता है। Times of India की रिपोर्ट के अनुसार जो लोग अभी संक्रमित हैं उनमें कुछ लक्षण सबसे ज्यादा सामान्य हैं। दुनिया भर में 52% मामलों में गले में दर्द, थकान, शरीर दर्द, थकान महसूस होना, खुजलाहट होना जैसी समस्या देखी गई है जिसकी वजह से लोगों को खाने पीने में दिक्कत आ रही है। किसी भी वायरस के संक्रमण में थकान महसूस होना स्वाभाविक लक्षण हैं लेकीन कोविड 19 के मामले में गंभीर समस्या बनी है अधिकतर लोगों में मरीजों को कमजोरी हो रही है और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत मिल रही है

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